कमल का संग कीचड़ से
गुलाब का संग काँटों से
कुछ यू हो गया की
निर्बल का बल बलवान से
इन्सान पर छल हेवान का
कुछ यू हो गया की
आशा का संग निराशा से
उजाले का संग अंधकार से
इसलिए हो गया की
अच्छाई और बुराई मैं अंतर हो जाये
अच्छाई छाई रहे और बुराई राइ हो जाय
कुछ यू हो जाय
आरजू पूरी हो पहले चाहो से
हर बाधा हट जाय पहले रहो से ........
शोभा चौहान ..........