लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

मंगलवार, 16 जनवरी 2018

हमारी परंपरा का विश्वास है कि संतान  का व्यक्तित्व गर्भ में आकार लेने लगता है |और गर्भवती माता की मनोदशा से यह प्रभावित हो सकता है |हालांकि इस मान्यता की वैज्ञानिक पुष्टि करने को लेकर मेडिकल विशेषज्ञ विभाजित है |
संघर्ष में भूख अधिक लगती है --शोभा जैन 
बुरे कर्मों का फल तात्कालीन मीठा हो सकता है लेकिन उस फल में कई सारे बीज छिपे होते हैं उनमें से सिर्फ एक बीज ही पर्याप्त होता है उस बुरे कर्म के परिणाम के लिए |
सुनार के दर की धूल और लेखक के घर की रद्दी दोनों ही अनमोल होते हैं |