लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन
बुधवार, 22 मार्च 2017
गुरुवार, 16 मार्च 2017
सोमवार, 13 मार्च 2017
होली के रंगभरे उत्सव पर एक रचना आप सभी के लिए
रंगों वाला गाँव --
होली के रंगों में छिपे ,जीवन के हर रूप।
जीवन सबका उत्सवमयी हो,खिले फागुनी धूप ।
इंद्र धनुष के रंगों सा,
जीवन ले सबका रूप,
होली में सदभाव हो,
जग का उज्ज्वल रूप ।
जीवन की यह व्यस्तता,
कभी न होगी कम,
बस रंगों को नाम न दें,
जीकर देखे हम ।
सुंदर और सार्थक बने रंगों सा जीवन,
जैसे उत्सवमयी कृष्ण का मधुबन।
पुनः भूला दें ह्रदय मन से गहरा
रागों द्वेष,
जैसे निश्छल थे अपने बचपन के अवशेष
।
महानगर सा एकाकी न हो,
उत्सव का यह भाव,
इस होली शहर बन जाय रंगों वाला गाँव
।
--शोभा जैन
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