लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

                              लघु कहानी - सेल्समेन




 
हर रोज की तरह वो आज भी घर से निकला मार्च का महिना चिलचिलाती धुप में सुबह ९ बजे सड़क और आसमान की तपन में जेसे कोई फर्क नहीं था उपर से लेकर नीचे तक आग बरस रही थी अपनी मोटर साईकल पर  एक कप चाय पीकर अपना सेल्समेन वाला बैग हाथ में लिया और चल दिया अपनी इंशुरेंस पालिसी के सुविधाजनक और फायदेमंद प्लान समझाने के लिये हर रोज की तरह आज भी उसे अपने बॉस का प्रेशर था कम से कम दो पालिसी उसे लानी ही थी महीने के अंतिम दिन और मार्च की क्लोजिंग चल रही थी कुछ लोगो के नाम और पाते की लिस्ट लिये वो निकल पड़ा था डोर टू डोर मार्केटिंग कर जीवन बीमा की पालिसी करने ,लोगो के जीवन को सुरक्षित करने के लिये जबकि वो खुद हर रोज एक असुरक्षा से भरा जीवन जी रहा था...

    शहर की हर तरह की चोडी सकरी गलियों से गुजरता हुआ पते ढूढता हुआ आज वो एक ऐसे शख्स के यहाँ पंहुचा जिसका घर एक बहुत ही पाश मतलब महंगी कालोनी में था घर की बनावट और सुन्दरता उसे अंदर ही अंदर दे रही थी इस बात के लिये की शायद वो यहाँ से खाली हाथ न जायगा  सीडियां चदकर वो  बैल बजाता हैं और इंतजार करने लगता हैं किसी के पट खोलने का..... वो घर कालोनी के बाकि घरों में सबसे सुंदर था उसे पता मिलते ही जेसे ही उसकी नजर उसके घर की तरफ पडती हैं तो उसके अंदर जो आत्मविश्वास जगता हैं उसे आज  अपने टारगेट पुरे होते नजर आने लगे फिर धीरे धीरे सोचता  कम से कम एक छोटी सी पालिसी तो मिल ही जाएगी ....इतना बड़ा आदमी लग रहा हैं इतना बड़ा मकान बनाया हैं तो मुझे जरूरतमंद समझकर ही एक पालिसी ले लेगा शायद इसी सोच के साथ वो फिर से बैल बजाता हैं अबकी बार अंदर से एक कुत्ते के भोंकने की आवाज आती हैं उसे फिर महसूस होता हैं एक कुत्ता भी पाल रखा हैं एक इन्सान की मदद तो कर ही देगा हैं ...उस वक़्त उस घर के बाहर खड़ा होना ही उसे उसके अंदर के विशवास को  पुख्ता कर रहा था इस उम्मीद के साथ की आज वो यहाँ से कम से कम एक पोलिसी तो लेकर ही जायेगा शायद छोटी नहीं बड़े अमाउंट की ही मिल जाय इतने बड़े आदमी का जीवन बीमा भला कोन नही करना चाहेगा
         इतनी देर में एक काम वाली बाई घर का दरवाजा खोलती हैं जिसने एक पुरानी सी साड़ी मराठी पल्ले के साथ पहन रखी थी अपनी कमर में खुसी हुई साड़ी को निकलती हुई थोड़ी ड्योडी चडातेहुए उसने पुचा क्या काम हैं किससे मिलना हैं आपने अपॉइंटमेंट  लिया हैं क्या पहले.... उस सेल्स मैन ने जवाब दिया- मैं जिस काम के लीये आया हूँ उसमे अपॉइंटमेंट लेने की आवश्यकता नहीं पडती क्या में घर के मुख्य सदस्य से मिल सकता हूँ बिना रुके उसने ये सवाल पुचा.... काम वाली बाई को लगा ये कोई परिचित ही लगता हैं तभी ऐसा बोल रहा हैं पर पहले कभी इसको इस घर में नहीं देखा उसने उसे उपर से नीचे तक आश्चर्य भरी नजरो से देखा और कहा रुको में बुलाती हूँ किसी को ...काम वाली बाई अंदर गयी इतनी देर में उस सेल्स मैन ने घर का पूरा मुआयना कर लिया उसे घर के अंदर की खूबसूरती भा गयी उसे लगा इस घर में आना ही मेरे लिये सोभाग्य की बात हैं उस घर की दीवारों पर लगे फोटो फ्रेम जिसमे पूर्व  प्रधानमंत्री इन्द्रागांधी के साथ किसी बुजुर्ग की तस्वीर लगी थी उसे लगा ये तो किसी मंत्री का घर हैं.... बड़े- बड़े झूमर और सुंदर कालीन उसे अंदर ही अंदर यहाँ तक पहुचने के लिये अपने आप को शगौरवान्वित करवा रहे थे ..... उसे गर्व महसूस हो रहा था की उसके पास इतने बड़े- बड़े  लोगो की नाम और पते हैं और वो उनके घर जा सकता हैं घर के  अंदर पहुचने के बाद उसे पालिसी बेचने से ज्यादा महत्वपूर्ण उस घर के सदस्य से मुलाकात होना उसके लिये ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया था उसे लगा इतने बड़े आदमी से मैं फेस टू फेस मिल लू यही काफी हैं मेरे लिये मैं कुछ अच्छे रिफरेन्स ही ले लूँगा बड़ा आदमी हैं तो जान पहचान भी बड़े बड़े लोगो से ही होगी
    उसने मन ही मन अपनी बातचीत की रुपरेखा बना ली थी इतनी देर में घर के अंदर से एक 13 साल का बच्चा बाहर आता हैं फुटबाल खेलते हुए उसे आश्चर्य से देखकर पूछता हैं आपको किस्से मिलना है सेल्समैन उसकी और बड़े प्यार से देखकर कहता हैं आपसे ही मिलने आया हूँ बच्चा स्तब्ध होकर बोला मुझसे...... क्यों क्या काम हैं में तो आपको जानता भी नही मम्मा को बुलाऊँ क्या सेल्फ मैन ने जवाब दिया नहीं बाई अंदर गयी हैं बुलाने.. आप आओ मुझसे बातें करो आपना नाम बताओ बच्चा बोला वेदांश चौहान  सेल्फ मैन बोला बहुत ही आचा नाम हैं तुम्हारा किसने रखा... बच्चे नें जवाब दिया दादाजी और पापा ने ....बच्चे ने पूछा आप क्या करते हो सेल्फ मैन ने जवाब दिया मैं दूसरों के जीवन की सुरक्षा करता हूँ बच्चा बोला मतलब आप आर्मी से हैं सेल्स मैन बोला नहीं उससे भी बड़ा काम आर्मी वालों को भी मैं सुरक्षा दे सकता हूँ बच्चा बोला अच्छा आप ऐसा क्या करते हैं मेरे पापा आर्मी में हैं आप उनको भी सुरक्षित कर देंगे वो अभी बहुत दिनों बाद यहाँ आये हुए हैं छुट्टियाँ लेकर आप उनसे जरुर मिलना सेल्स मन सोचता हैं ये किसी आर्मी वाले का घर हैं बहुत सख्त मिजाज व्यक्ति होगा और अपने जीवन की परवाह किये बिना जीवन जीने वाले लोग यहाँ रहते हैं जीवन बीमा पालिसी क्या लेंगे ये तो जान की परवाह ही नहीं करते पालिसी तो गयी काम से.....थोडा निराश हो जाता हैं  पर मिलूँगा जरुर.... कम से कम आज के दिन एक अच्छे इन्सान से मुलाकात होगी यही जुड़ेगा मेरी लिस्ट में यही मेरी उपलब्धि होगी वेरना रोज कोन से अच्छे लोग मिलते ही हैं....
     इतनी देर में बाई आ जाती हैं वो पूछती हैं दीदी कह रही हैं आज तो पापा ने किसी को भी टाइम नहीं दिया था फिर आप कहाँ से आये हो अपना कार्ड दे दो और टाइम लेकर आना ऐसा बोला हैं दीदी ने ...
   सेल्स में थोडा निराश हो गया उसे लगा मेरा यहाँ तक आना व्यर्थ न चला जाय अगर मेने इनको अपना कार्ड दे दिया तो मुझे ये मार्केटिंग बॉय समझ कर टरका देंगे वेसे भी बाहर बोर्ड लगा था कृपया सेल्फ मैन बैल न बजावे  मुझे एक सेल्स मन की हेसियत से नहीं एक अच्छे इन्सान से मिलने आया हूँ यही सोचकर आज मिलकर ही जाना हैं वो जवाब देता हैं आर्मी ऑफिसर यहाँ आये हुए हैं मैं उनसे ही मिलने आया था वो कुछ ही दिनों में चले जायेगे फिर दोबारा पता नहीं उनसे कब मुलाकात होगी उनसे मिलना मेरा सोभाग्य होगा  प्लीज़ आप मुझे एक बार उनसे मिलवा दीजिये मैं बहुत दूर से आया हूँ मेरे पास अभी अपना कार्ड नहीं हैं
  बाई थोडा आश्चर्य से उसे देखकर रूकती हैं फिर  जवाब देती हैं रुको..... मैं अंदर से पुच कर आती हूँ इतनी देर में सेल्स मन बच्चे से फिर बातें करने लगता हैं पूछता हैं आपके घर में सबसे बड़ा कोन हैं बच्च्क जवाब देता हैं मेरे दादाजी निर्भय सिंह चौहान सेल्स मन ने पूछा वो क्या करते हैं बच्चे ने जवाब दिया कुछ नहीं वो बस सब काम ठीक  से करते हैं या नहीं यही ध्यान रखते हैं सेल्फ मन ने पूछा वो अभी हैं घर पर बच्चा बोला नहीं आज नहीं हैं बाहर गए हैं कल आयेगे सेल्स मन ने पुच ओर कोन कोन हैं आपके परिवार में बच्चा बोला दादाजी के बाद मेरे पापा विभय सिंह चोहान जो आर्मी मैं हैं वो अभी घर पर ही हैं उन्हें बुलाऊ क्या सेल्स मन ने कहा नहीं रहने दो बाई गयी हैं बुलाने बच्चा बोला आपको किस्से मिलना था वेसे .....सेल्स मन ने बड़े प्रेम भेरे मन से जवाब दिया मुझे सभी से मिलना हैं एक आर्मी ऑफिसर की फॅमिली केसे जीवन जीती है उनके क्या ख्याल होते हैं वो केसे अपने और अपनों के जीवन की परवाह किये बिना जीवन जीने के लिये प्रेरित होते हैं यही देखना और समझना और जानना था मुझे और कुछ नहीं .......बच्चा सोच में पढ़ जाता हैं कुछ समझने की कोशिश करता हैं फिर कहता हैं अच्छा आप न्यूज़ पेपर में काम करते हो क्या सेल्स मैन बोला नहीं तो आपको ऐसा क्यों लगा बच्चा बोला आपने ही तो अभी कहा की आप जानना चाहते हो की आर्मी वाले केसे जीवन जीते हैं कुछ दिन पहले भी कोई दादाजी से मिलने आया था और उनका इंटरव्यू लेकर गया अगले दिन उसे पेपर में छाप दिया सेल्स मैन को लगा हैं तो कोई दमदार पार्टी मिडिया वालों का भी आना जाना हैं यहाँ.... चलो जो भी हैं मिलकर ही जाता हूँ इस अवसर को मैं खोने नहीं दूंगा ....
   कुछ देर बाद बाई आती हैं और कहती आप बैठो भैयाजी आ रहे हैं सेल्स मैन को ख़ुशी होती हैं की कम से कम उसे बैठने को कहा गया  मतलब कुछ समय तो बातचीत का उसे मिल ही जायेगा बाई अंदर से पानी का गिलास ट्रे में रखकर लाती हैं उसे वहां पानी पीना भी बहुत गर्व महसूस करवा रहा था उसे मन ही मन लग रहा था पालिसी हो न हो आज का दिन मेरा सफल ही कहलायेगा मुझे एक आर्मी आफिसर से मिलने का मौका मिलेगा अंदर ही अंदर उसके मन में प्रसन्नता के फुल खिल रहे थे 15 मिनट इंतजार करने के बाद एक लम्बा चोर्डे कद वाला हट्टा कट्टा सावले रंग का 3९ वर्ष का नोजवान अंदर से निकल कर आता हैं जिसे देखकर सेल्स मन उठकर उससे हाथ मिलने के लिये हाथ आगे बढ़ता हैं गुड मोर्निग सरकहकर संबोधन देते हुए कहता हैं इट्स माय प्लेजर तो मीट विथ यू ...नोजवान उस बच्चे का पिता और आर्मी आफिसर होता हैं वो मुस्कुराकर कहता हैं थैंक यू सो मच यंग मैन मैं आपसे इंतजार करवाने के लिये माफ़ी चाहता हूँ दरअसल बिना समय लिये कोई मिलने कबी आता नहीं हैं इस वजह से आपको तकलीफ हुई और यहाँ इंतजार करना पड़ा .... सेल्स मन उसकी उदारता और इतना सहज व्यवहार देखकर सोच में पढ़ जाता हैं इतना बड़ा आदमी होकर भी मुझसे माफ़ी मांग रहा हैं मैं इससे पालिसी की बात तो करूँगा ही नहीं ये उनका अपमान होगा और मेरी नासमझी .....
   आर्मी ऑफिसर पूछता हैं कहिये मैं आपके लिये क्या कर सकता हूँ सेल्स मैन इस तरह के शब्द सुनकर भोचक्का रह जाता हैं उसे इतना हार्दिक और  उदारता से परिपूर्ण  व्यवहार अपेक्षित नहीं था इसलिए वो थोडा हिचकिचा जाता हैं दूसरा उसे अब अपने विषय से हट कर भी बात करनी थी वो यहाँ पालिसी के बारे में कोई अत नहीं करना चाहता था उसने जवाब दिया सर मैनेआर्मी ऑफिसर्स के बारे में काफी सुना और पढ़ा हैं पर अब तक मुझे  रूबरू किसी से मुलाकात करने का सोभाग्य प्राप्त नहीं हुआ आपका पता मुझे कहीं से मिला इसलिए आपका कीमती वक़्त लेने आज आ गया क्षमा चाहता हूँ अगर मेरी वजह से आपको कोई भी तकलीफ हुई हो क्योकि मैं बिना समय लिये यहाँ आ गया जो आप जेसे व्यक्ति के लिये गलत हैं आर्मी ऑफिसर ने जवाब दिया कोई बात नहीं हमको भी अपने जीवन की वास्तविकता कभी कभी दिल खोलकर कहने का मोका मिलता हैं इसे बताने में कोई पाबन्दी या कोई सख्ती नहीं बरतनी चाहिए सच तो यही हैं हम भी अपने घर परिवार से बहुत दूर रहते हैं मैं आज पूरेडेढ़ साल के बाद अपने घर आ पाया हूँ सिर्फ फ़ोन और ईमेल के जरिये ही परिवार के होने का आभास होता हैं कल किसी ने देखा नहीं हैं कब कहाँ कोन सी ड्यूटी देनी पढ़ जाये कोन सी ड्यूटी जीवन की अंतिम बन जाय इसलिए मेरी कोशिश यही रहती हैं जब भी कोई मुझसे समय लेता हैं मैं अपना उसे देने मैं कभी पीछे नहीं हटता बल्कि अंदर से एक ख़ुशी होती हैं की मेरे अलावा मेरे  परिवार के बारे में सोचने वाले और जानने वाले भी हैं ये सिर्फ मेरा परिवार ही जानता हैं की उन्होंने खुद को यहाँ रहकर ही जीवन ही हर जंग के लिये तैयार कर लिया हैं में तो वहां जाकर जंग लड़ता हूँ ये सब मेरा इन्तजार करके अपने आप से हर दिन जंग लड़ते हैं मेरे पिताजी और दादाजी भी आर्मी ऑफिसर थे ये मेरे दादाजी की ही तस्वीर लगी हैं मेरे बेटे को जन्म से ही कैंसर हैं उसका जीवन कितने दिनों का हैं मैं नहीं जानता पर वो हर दिन अपने जीवन की जंग लड़ रहा हैं मेरी पत्नी वास्तव में सबसे बड़ी आर्मी ऑफिसर हैं जो इन सबको और मुझे संभालती हैं मैं तो सिर्फ अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाने की कोशिश करता हूँ
सेल्स मन की आंखे द्रवित हो जाती हैं वो मन ही मन सोचता हैं  मैं अपने जीवन में इतने अच्छे इन्सान और इतने समर्पित परिवार से भी कभी मिलूँगा ये मैने कभी सोचा नहीं था सेल्स मन अपनी आंखे पोछते हुए कहता हैं सर,आज का दिन मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन हैं आज अगर मैं यहाँ नहीं आता तो शायद अपने जीवन की एक बहुत बड़ी अनुभूति खो देता आर्मी ऑफिसर मुस्कुराकर कहता हैं यही जीवन हैं सबकी अपनी अपनी ज़िम्मेदारियाँ हैं और उनको निभाने के तरीके हैं कमाता खातादुनियाँ का हर इन्सान हैं बस मेरी नोकरी कमाने के साथ साथ देश को सुरक्षा भी देती हैं यही फर्क हैं आपमें और मुझमे अरे आपने बताया नहीं आप क्या करते हैं अचानक आर्मी ऑफिसर पूछता हैं सेल्स मैन कुछ कहता इससे पहले आर्मी ऑफिसर बाई को आवाज लगाकर चाय नाश्ता लेन के लिये कहता हैं इतना कहते ही ऑफिसर का फ़ोन बजने लगता हैं वो सेल्समन से कहता हैं स्कुज़मी एक कॉल हैं सेल्समेन थोडा हल्का होकर कहता हैं या sure .....
     जेसे ही आर्मी ऑफिसर फ़ोन पर बातें करने लगता हैं सेल्फ मन मन ही मन सोचने लगता हैं की मैं इन्हें अपना असली काम बता उ या नहीं अगर मैनेइन्हे बता दिया की मैं पोलिसी का काम करता हूँ तो ये जिस इमानदारी और भावनात्मकता के साथ मुझे बात कर रहे हैं नहीं करेंगे और मुझे समझ जायेंगे की असल में मैं पोलिसी के लिये ही यहाँ आया हूँ क्या करूँ क्या काम बताऊँ अगर ऐसा कोई काम बता दिया जिसके बारे में मुझसे इन्होने कुछ पुच लिया तो क्या जवाब दूंगा मैं इतने अच्छे इन्सान को खोना नहीं चाहता कुछ तो सोचना ही पड़ेगा
  इतने में ऑफिसर की फ़ोन पर बात ख़त्म हो जाती हैं और वो sorry कहते हुए फिर अपनी बात कहता हैं आपने बताया नहीं आप की जॉब में हैं सेल्स मैन ने थोडा हिचकिचाते हुए कहा मेरी किराने की दुकान हैं आर्मी ऑफिसर ने कहा very गुड मतलब आप जॉब में नहीं हैं आपका बिज़नस हैं वो भी बारह महीने चलने वाला very nice सेल्स मेन ने ये प्रतिक्रिया भी अपेक्षित नहीं की थी की उसकी किराने की दुकान को इतना महत्वपूर्ण माना जायेगा
   इतने मेंचाय नाश्ता आ जाता हैं ऑफिसर कहते हैं लीजिये आप सेल्स मन थैंक यू कहकर चाय का कप अपने हाथ में लेता हैं अआर्मी ऑफिसर उसे बिस्किट भी लेने के लिये कहते हैं अरे लीजिये ये खास बिस्किट हैं सरहद से लाया हूँ खासतौर पर अपने परिवार के लिये और आसपास वालो के लिये आप भी टेस्ट कीजिये सेल्स मन कहता हैं सर अब तो लेना ही होगा सेल्स मन सोचता हैं मैं कहाँ बीमा पालिसी के बारे में सोच रहा था आज में इतने बड़े ऑफिसर के घर पर उसके साथ चाय नाश्ता ले रहा हूँ उनके  जीवन और परिवार  के बारे ,में जान रहा हूँ यही क्या कम हैं सेल्स मन के लिये  कभी कभी एक अच्छे से  इन्सान मिलना एक बड़ी पोलिसी मिलने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता हैं टारगेट तो हर महीने मिलेंगे पर ऐसे लोग हमेशा नहीं मिलते


शोभा जैन 

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