लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

बुधवार, 9 दिसंबर 2015

मेरा खर्च चल रहा है............

हर  रोज घर से निकलता हैं वो
    तीस दिन काम करके लाता हैं
       महीने की पहली तारीख
       जिसका पूरा परिवार करता हैं
 उम्मीदों से भरा इंतजार 
पर  हर रोज इस नौकरी पर
 जाने और घर आ जाने में,
मैं नहीं सीख पाया
 जीवन जीने की कला।
एक दिन एक अनुभव सीखा गया
जीवन की कला
 उस 'अनुभव' ने बताई
जीवन जीने की कला
मैंने पूछा
"आपने सीख लिया?"
उन्होंने कहा
"बिलकुल और अब इसी से

मेरा खर्च चल रहा है............

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