समझोता' शब्द भी पहले समझ से होकर ही गुजरता हैं इसलिए इसका उपयोग जीवन में पहले करें जबकि हम उल्टा करते हैं पहले समझोता करते हैं फिर समझते हैं अगर पहले 'समझ' लेंगे तो समझोता करने की शायद आवश्यकता ही न पड़े .। वैसे ही 'प्रतिशोध' शब्द में भी शोध छिपा हैं शोध उसे प्रतिबोध में बदल सकता हैं इसलिए प्रतिशोध लेने से पहले शोध जरूर करें।
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