लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन
मंगलवार, 14 नवंबर 2017
प्यारे बच्चो,हमारे देश का सशक्त भविष्य और बासंती आज आप सभी को बाल दिवस की स्नेहिल शुभकामनाएँ आशीर्वाद एवं ढेर सारा प्यार आप सभी अपने जीवन में एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े और अपने सपनों को पूरा करें |-शोभा जैन
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