1- वर्तमान परिपेक्ष्य में..................
कैसे मनाएं आज हम होली ?
न जीवन मैं खुशियाँ, न घर मैं रंगोली
सहमी हैं माँ ,ओर बहन भोली
कैसे मनाएं आज हम होली ?
न प्रेम का गुलाल अब ,न मस्तक पर रोली
पानी मैं सिर्फ अपनी वेदनाएँ घोली
कैसे मनाएं आज हम होली ?
खो गयी हॅसी हर घर वीरान हैं
ज़ख्म और तनाव का हर जगह निशान हैं
भाई कि रही कहाँ बहन मुँह बोली
कैसे मनाएं आज हम होली?
मेरी ख्वाहिश हैं होली के कुछ रंग चुराने कि
गैरो को नहीं अपनों को आज़माने कि
पर हर ख़ुशी कि यहां देनी पड़ती हैं एक कीमत
रिश्तो कि हर रोज़ यहाँ लगती हैं बोली
कैसे मनाएं आज हम होली ?
कल होली का त्योहार है। हार्दिक शुभकामनाएं।
written by: शोभा १६ मार्च २०१४
न जीवन मैं खुशियाँ, न घर मैं रंगोली
सहमी हैं माँ ,ओर बहन भोली
कैसे मनाएं आज हम होली ?
न प्रेम का गुलाल अब ,न मस्तक पर रोली
पानी मैं सिर्फ अपनी वेदनाएँ घोली
कैसे मनाएं आज हम होली ?
खो गयी हॅसी हर घर वीरान हैं
ज़ख्म और तनाव का हर जगह निशान हैं
भाई कि रही कहाँ बहन मुँह बोली
कैसे मनाएं आज हम होली?
मेरी ख्वाहिश हैं होली के कुछ रंग चुराने कि
गैरो को नहीं अपनों को आज़माने कि
पर हर ख़ुशी कि यहां देनी पड़ती हैं एक कीमत
रिश्तो कि हर रोज़ यहाँ लगती हैं बोली
कैसे मनाएं आज हम होली ?
कल होली का त्योहार है। हार्दिक शुभकामनाएं।
written by: शोभा १६ मार्च २०१४
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