लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

बुधवार, 9 दिसंबर 2015

आज सुबह का अख़बार नहीं आया
उसके पिछले माह के सौ रूपए बाकि थे
 काम वाली बाई को उधार चाहिये हजार रूपए
सोचना पड़ेगा
आज बच्चा बीमार हैं तेज बारिश और ठण्ड से
उसके स्कुल की छुट्टी करवानी हैं
माँ की दवा सिर्फ दो दिनों की बची हैं
धोबी  ने कपडे लोटाये पर पूरे नहीं
उनका हिसाब बनाना हैं
तेज बारिश से छत फिर टपकने लगी
पानी की टपकन से छत का पंखा जल गया
बाथरूम का नल  महीने भर  से ख़राब हैं
दरवाजे की कुण्डी अटकती हैं
ये सब  ठीक करवाना बाकि हैं
दो दिन से दूध फट रहा हैं कारण पूछना हैं
घर में छिपकलियां बहुत हो गयी हैं
कंट्रोल पेस्ट करवाना हैं
पत्नी के पिता बीमार हैं  उसे जाना हैं
बिटिया को घूमने ले जाना हैं
इस माह का बिजली का बिल भरना हैं
कल आखरी तारीख हैं
मल्टी के मेंटेनेंस में १०० रूपए ज्यादा
पता करना हाँ
कॉमन का बिल ज्यादा क्यों आया
जानकरी लेनी हैं
नई चेक बुक इश्यू करवाना हैं
जीवन बीमा पॉलिसी की क़िस्त बाकि हैं
गाड़ी की सर्विसिंग करवानी  हैं
अपने लिए हेल्थ इनश्योरेन्स पॉलिसी लेनी हैं
आज सबसे पहले क्योकि।
सब मुझ पर निर्भर हैं
मैं जीवन पर

जीवन मेरे स्वस्थ रहने पर  २० /०८/२०१५

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