लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

बुधवार, 9 दिसंबर 2015

बस एक पल.............
जिन्दगी जेसे हर रोज एक नया सूरज,
नयी रौशनी 
नए अहसास, नए पल,
कुछ चिरस्थायी कुछ क्षणिक...
           हर रोज एक नयी जिन्दगी
जीते हैं हम 
           सच-
जीवन एक यात्रा ही तो हैं  
ट्रेन मैं मुसाफिर बन के
 कुछ ऐसे हमराही बन जाते हैं 
जिनकी अमीट यादो को हम
 जिन्दगी भर का साथ बना लेते हैं 
             कितनी अजीब बात हैं
जिन्दगी के इस सफ़र की 
दो अजनबी जब ट्रेन मैं
बिना कुछ कहे साथ बैठते हैं 
तो निश्चित ही कुछ अनकहे शब्द
वहाँ जन्म ले लेते हैं 
              जो जोड़ देते हैं एक दुसरे को
 उस पल के लिए 
दो परिचित अजनबी बन जाते हैं
 जब शब्दों के बिना साथ हो 
जेसे उस रिश्ते मैं
सफ़र की थकान सी महसूस हो रही हो 
               हर शब्द जिन्दगी की एक
 भोगी हुई सच्चाई कहता हैं 
               कोई पल कभी किसी के लिए नहीं रुकता 
हम जिन्दगी जीते हैं बस उन पलो मैं ....
                   मेरा एक सवाल 
क्या आपकी  जिन्दगी का बस एक पल 
किसी की पूरी जिन्दगी बन सकता हैं ???


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