लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

बुधवार, 9 दिसंबर 2015

- तुम्हारे जीवित रहने का एहसास ...........

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तुम्हारी म्रत्यु
 तुम्हे जीवन भर के लिए 
जीवंत बना गयी,
क्योकि तुम जीवित हो आज भी 
उसी रूप मैं मेरी अन्तेरात्मा मैं निहित 
मेरे शब्दों मैं, मेरी ध्वनि में,
मेरी गूंज में निहित हो तुम
मेरी लेखनी मैं शामिल हैं 
तुम्हारे जीवित रहने का एहसास 
 एहसास, और उसके साथ चलती
 हर एक श्वास........
जो मुझे हर रोज जीने की 
ऊर्जा  देता हैं 
अपने आप से लड़ने की 
शक्ति देता हैं 
देता हैं, मेरे उन सवालो के जवाब 
जो मुझे अपने आप को देने होते  हैं 
मेरी प्रेरणा बन जाते हैं
तुम्हारे स्वप्न
जो तुमने कभी मेरे लिए देखे थे
जिन्हे मैं तुम्हारे रहते
पूरा नहीं कर पायी
लेकिन एक बार फिर
तुम्हारी मृत्यु
 मुझे जीवंत बना रही हैं
 कह रही हैं मुझसे
उठ, उस स्वप्न को पूरा कर
विवश कर रही हैं एक
नयी शुरुआत के लिए
स्वयं के लिए लक्ष्य और 
किसी दूसरे की प्रेरणा न कर
हर रोज सबेरा बन रहा हैं
मेरे लिए
सिर्फ़
तुम्हारे जीवित रहने का एहसास।।।।।।।।।



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