लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015

एक कच्चा धागा हम सबको सिर्फ़ आदमी और औरत होने से कुछ ऊपर होना महसूस करवा देता हैं और बना देता हैं एक घर, एक परिवार, और उसके सदस्य हम , एक कच्चा धागा इतना बड़ा रिश्ता निर्धारित कर देता हैं की शायद उसके बिना हम सब सिर्फ नर या मादा ही होते या फिर परिवार में सम्बन्धों को खोज रहे होते उस एक कच्चे धागे ने हमें नर या मादा होने से कुछ ऊपर होने का अहसास करवाया। इस एहसास को सिर्फ एक ही दिन न जिया जाय हर दिन महसूस किया जाय । सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें। 

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