- आत्मस्वीकृति
जब किसी सही बात को स्वीकारना मुश्किल लगे या आत्मा उसे सही स्वीकारे लेकिन मन उस पर हावी हो या ये जानते हुए भी की ये सही हैं फिर भी उसका समर्थन न दे पाने के स्थिति हो कारण कोई भावनात्मक क्षति या आपके सिधान्तों के विपरीत उस बात का होना भी हो सकता हैं जो आपको उसे निष्पक्ष होकर समझने में विफल कर रहा होता हैं तो फिर उसमे सिर्फ अपना या अपने किसी सबसे प्रिय अजीज का फायदा देखकर उसको उसका समर्थन देने का प्रयास ही उस कार्य का अंतिम विकल्प होगा क्योकि कुछ चीजो को अपनाया नहीं जा सकता लेकिन परिस्थितयो वश उन्हें छोड़ना भी कभी -कभी असम्भव होता हैं
शोभा जैन
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