लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

मंगलवार, 19 जनवरी 2016

                                       परिणाम और परीक्षण

जिंदगी में कई बार कुछ फैसले परिस्थितियोवश कठोर और अपनों का दिल दुखाने वाले लेने पड़ते हैं लेकिन वे अक्सर जिंदगी भर का सुकून दे जाते हैं शायद उन्हें लेते वक़्त कई बार सिर्फ असहमति, अस्वीकृति और आक्रोश ही प्राप्त होता हैं जो होना जायस भी हैं लेकिन उन निर्णयों के परिणाम इतने शानदार हो की वो सारी कसक दूर कर दे परन्तु परिणाम तक इंतजार करना ही रिश्तों के धैर्य और विश्वास का वास्तविक परिक्षण होता हैं।
शोभा 


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