जीवन की सभी विधाओं में पारंगत होना इंसान के लिए असम्भव नहीं पर आसान भी नहीं लेकिन उन विधाओं में जिनसे जीवन की जरूरतें पूरी की जा सके उस विधा से परिचय मात्र ही जीवन को सरल बना देता हैं किसी ने खूब लिखा हैं---- जरूरत तो फ़क़ीर की भी पूरी होती हैं ख्वाहिशें शहनशाह की भी अधूरी ही रहती रहती हैं अब आपको निर्धारित ये करना हैं आप जरूरतों को पूरा करना चाहते हैं या ख्वाहिशों को।
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