लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

रविवार, 14 फ़रवरी 2016

'प्रेम' वैलेंटाइनडे का मोहताज नहीं............
शोभा जैन
'प्रेम' जिसके जीवन में हैं किसी भी रूप में उसके हृदय की धरती पर अनाम मीठे और अनूठे फलों का पराग टपकता हैं.... और उसकी गंध से उसकी रूह महती हैं जिंदगी ही नहीं कायनात का जर्रा -जर्रा जैसे धड़कने लगता हैं.... चारों और मुलायम रौशनी का समंदर लहराने लगता हैं और राहों में ख्वाब आगे -आगे चलने लगते हैं जीवन के कई उद्देश्य नजर आने लगते हैं और 'प्रेम' का एहसास कभी- कभी आपका मार्गदर्शक भी बन जाता हैं। निः संदेह प्रेम अंधेरे जीवन में पूर्णता का एहसास हैं जो किसी रिश्ते का मोहताज नहीं। न ही किसी विशेष दिवस का। यह तो हर रिश्ते में या बिना रिश्ते के भी जिया और निभाया जा सकता हैं। ईश्वर सभी को इस अनुभूति से नवाज़े और जीवन की खूबसूरती को महसूस करने का अवसर प्रदान करे। सच्चा प्रेम भावनाओं में निहित मार्गदर्शन और जीवन का सही दिशा निर्देशन करने का एक सटीक उदाहरण हैं जिसका अन्त नहीं वो इंसान के मरणोपरांत भी जीवित ही रहता हैं अनुभूति में, कभी उसके द्वारा लिये गए निर्णयों के रूप में ,कभी -कभी स्वयं एक रचना बनकर। इसलिए प्रेम को अपने जीवन का आदर्श समझे , आदर्श दूसरों के लिए मिसाल बनते हैं समाज के लिए प्रेरणा और स्वयं के लिए सकारात्मक पहल के साथ जीने का उद्देश्य।प्रेम वैलेंटाइनडे का मोहताज नहीं। 

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