कुछ मुक्तक -----
जीवन के दो रूप
कभी छाँव कभी धूप |
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आओ मिलकर सपने देखे
सपनों में कुछ अपने देखे|
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कहने में कुछ और कहानी सुनने में कुछ और
लोग यहाँ कुछ और है,घर में रस्ते में कुछ और|
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जीवन के दो रूप
कभी छाँव कभी धूप |
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आओ मिलकर सपने देखे
सपनों में कुछ अपने देखे|
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कहने में कुछ और कहानी सुनने में कुछ और
लोग यहाँ कुछ और है,घर में रस्ते में कुछ और|
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