लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

बुधवार, 1 जून 2016

                                                      कुछ लोग ....

                                                       शोभा जैन

कुछ ऐसे लोग भी जीवन में आते है,
जिनमें से कुछ सड़क पर , कुछ मकान छोड़ जाते है।
कुछ छोड़ देते है बीच राह पर,
कुछ मुकाम तक छोड़ आते  है।
कुछ दर्द यूँ दे जाते है,
घाव भर जाते है, पर निशान छोड़ जाते है।
कुछ पलों को भूल पाना मुश्किल है जब,
कुछ लोग दर्द भरे 'एहसान' छोड़ जाते है। 

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