अपनी बात
शोभा जैन
किसी भी प्रकार के परिवर्तन के लिए साधन कौन से अपनाये जा रहे है ये उस परिवर्तन का भविष्य और छवी दोनों का निर्धारण कर देता है |इंसान दो तरह का जीवन जीता है एक सामाजिक दूसरा व्यक्तिगत | इसलिए परिवर्तन के लिए जो साधन वो व्यक्तिगत जीवन के लिए अपनाता है अक्सर सामाजिक जीवन में नहीं |चाहे फिर वो बात हिंसा और अहिंसा से भी क्यों न जुड़ी हो |
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