अर्धनारेश्वर
अपनी बात -- नर श्रम करके तपता है,नारी रात्रि बनकर उसे शांति प्रदान करती है|नारी विभिन्न रूपों में नर की प्रेरणा रही है |इसीलिए पुरुष को अर्धनारेश्वर की संज्ञा दी जाती है क्योकि वह स्त्री के बिना अपूर्ण है |और यही दोनों की नियति है |--शोभा जैन
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