जिंदगी जिन मोड़ों से होकर गुजरती हैं,उसमे संदेह,समस्या ,संघर्ष,अपमान, बलात पीड़ा ,तिरस्कार [अपनों और परायों सबसे ] के चौराहे, तिराहे, दोराहे ,चौक, सबसे होकर गुजरती हैं,लेकिन इनको दिमाग में जगह दे दी तो ये अपना घर बना लेंगे। इन सबको ऐसे पार करना जैसे तुम अपनी कार या स्कूटर से गति साधते हुए पार करते हो। इन चौराहो पर रुकना जरूर ,लेकिन ध्यान रखना इन अजनबियों को जल्दी बिदा करना। यहीं 'तिनका संतुलन' तुम्हारे जीवन की वृत्ति का निर्माण करेगा
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