दूसरों के दुःख भुलाने का फन नहीं आता
ख़ुशी को अपनी छिपाने का फन नहीं आता
कमी एक और दी हैं खुदा ने हमें
ग़मों को अपने दिखाने का फन नहीं आता
ख़ुशी को अपनी छिपाने का फन नहीं आता
कमी एक और दी हैं खुदा ने हमें
ग़मों को अपने दिखाने का फन नहीं आता
कोई गुजरे इस राह से तो पढ़ ले भला
किसी को पढ़कर सुनाने का फन नहीं आता
वो एक दरमियाँ बन गयी हैं लकीरें मज़हबी
मगर दिवार उठाने का फन नहीं आता
माना,
दिल को लुभाती हैं अदाकारी हर कला की मगर
किसी के नाज उठाने का फन नहीं आता
हम भी गुजरे हैं दुनियाबी ग़मी दरख्तों से
हमकों पर आंसू बहाने का फन नहीं आता
किसी को पढ़कर सुनाने का फन नहीं आता
वो एक दरमियाँ बन गयी हैं लकीरें मज़हबी
मगर दिवार उठाने का फन नहीं आता
माना,
दिल को लुभाती हैं अदाकारी हर कला की मगर
किसी के नाज उठाने का फन नहीं आता
हम भी गुजरे हैं दुनियाबी ग़मी दरख्तों से
हमकों पर आंसू बहाने का फन नहीं आता
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