लगातार टालते रहने से अक्सर निर्णय बदल जाते है। अप्रत्याशित बदले हुए निर्णयों को स्वीकारना बेहद दुष्कर होता है।अपनी मानसिकता को दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रखे जो परिणाम आप देखना चाहते है और जो नहीं देखना चाहते है फिर किसी के भी जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटित ही नहीं होगा । हम सबके भीतर एक भीड़ छिपी होती है जो हमें कुरेदती है,पथविमुख करने को उतावली रहतीहै,अक्सर लोग निर्णायक की भूमिका निभाना चाहते है किन्तु परिणामों के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं---शोभाजैन Protected by Copyscape

बुधवार, 9 दिसंबर 2015

समय के साथ.…………। 
                                         
बात ख़त्म नहीं होती
पर
समय ख़त्म हो जाता हैं 
मेरे दोस्त
हम उलझे ही रहते हैं
तोलते मोलते हुए शब्दों में
इसकी, उसकी, कहानी
में अपनी रूचि दिखाते
और अपने जीवन से
 नीरसता बरसाते
ख़त्म करते
गुजरते हर एक पल को
बिना किसी न्याय
निर्णय और समाधान
के हर रोज  काटते
अपनी अपनी जिंदगी
एक ही परिवार  में रहकर
कभी कभी एक ही घर में रहकर
अक्सर एक ही कमरे के भीतर
जीते दो अलग जिंदगी
जो छुपी रहती
 घर से ,
परिवार से
समाज से
लेकिन
नहीं छुप पाती
अपने आप से
न ही उस इंसान से
जिसके साथ जी रहे
दो अलग -अलग जीवन
कुछ ऐसे जीवन जीना 
अब
हमारी परिपाटी
बनती जा रही हैं
 ये नया दौर हैं
 जताया
 और
दिखाया
जा रहा हैं
अपने ही घरों में
अपने ही लोगों के बीच
जैसे होड़ लगी हैं
कौन सबसे पहले  
इसे अपनाता हैं\
इस नए दौर को  
किसमें  साहस हैं
सभ्यता को आड़े रख
संस्कृति को धूमिल कर
नए का जामा पहनने का
अपनी नयी स्रष्टि का
एक नया एक नाम
रचने का
किसमें  साहस हैं
सबसे पहले
आगे जाने की
चाह में
सबको
पीछे धकेलने का
कौन सबसे पहले
अपनी
चैन की
बंसी बजायेगा
शेष सभी
बेचैन रहेंगे
उसकी चिंता में
की वो किधर हैं
कैसा हैं
जीवित हैं
या फिर
निर्जीव
सिर्फ़
हमारे लिए..........
या फिर
ये गुमनामी भी
सिर्फ
हमारे लिए............
हमसे उबी हुई
जिन्दगी के लिये
जिसमे जिए
रचना करने वाले ने
हर विलोम परिथिति
के असामान्य क्षण
 क्या ये रचना सिर्फ
मानवता के लिये थी
वो अभावों से भरा जीवन
मानवता एक उदहारण था
जिसमे जन्मा था तू
तेरी परवरिश
मानवता होने का
प्रत्यक्ष प्रमाण थी
या फिर तपते हुए
निभती चली गयी
जिम्मेदारी मानवता
के बन गयी थी  
या फिर ये जो
 अब
हो रहा हैं
मानवता के लिये हैं
सत्य तो यही हैं
जीवन ख़त्म हो रहा हैं
पर
भावनायेँ
नहीं ख़त्म हो रही
समय के साथ.…………। 
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