कहीं ऐसा तो नहीं तथाकथित आधुनिक होने के भरम में हम कुछ ऐसी बातों को अपना रहे हैं या फिर अपनी जीवन शैली में शामिल कर रहे हैं, जो हमारे लिये अनिवार्य तो कदापि नहीं किन्तु स्टेटस सिम्बोल अवश्य बन सकती हैं। पारिवार के साथ बैठकर जरा विचार कीजिये। शोभा जैन
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