अपनी बात
शोभा जैन
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भारत सरकार ने अपनी दूरदर्शिता का एक और अविस्मर्णीय परिचय दिया है 500 और 1000 के नोटों पर पाबन्दी लगाने का एतिहासिक फैसला करके काले धन पर लगाम लगाने और जाली नोटों के प्रसार पर पाबंदी लगाने का एक शानदार कदम उठाया है। पड़ोसी मुल्क 500 और 1000 के जाली नोट का इस्तेमाल कर देश की अर्थव्यवस्था पर प्रहार कर रहे थे इन बड़े नोटों को बंद करने से टैक्स से बचने वालों, वित्तीय अपराधियों, आतंकियों के आर्थिक नेटवर्क और भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सकेगी। दरअसल ग्राहक भी खरीद का बिल न लेकर परोक्ष रूप से काले धन को बढ़ावा दे रहे थे। इन पर रोक लगने से देश की अर्थव्यवस्था पारदर्शी होगी, सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी और बाजार में तरलता आएगी चूँकि आम आदमी और हमारा श्रमिक वर्ग कालेधन जैसी समस्या से सीधे तौर पर इत्तेफाक नहीं रखता विशेषकर वो अशिक्षित वर्ग जो रोज रोटी के लिए अथक परिश्रम कर अपनी छोटी सी जीविका साधन पर निर्भर रहते है उन्हें शायद आज ये बात थोड़ी असुविधाजनक प्रतीत हो किन्तु सरकार के इस कदम से भावी रणनीति के तहत सबसे ज्यादा लाभ जब उन्हें मिलेगा तब इस फैसले को ऐसा वर्ग सहजता से स्वीकार पायेगा ये एक ऐसा निर्णय है जिससे आम आदमी की कई आधारभूत समस्याओं का आने वाले समय में बड़ा समाधान निकल कर सामने आयेगा उनमें से एक मंहगाई है जिसकी मार से कोई भी अछूता नहीं । इस बात को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता की सरकार के इस फैसले से कई छोटी -छोटी प्यारी गुल्लकें प्रभावित होंगी किन्तु अक्सर वर्तमान में थोड़ी असुविधा बेहतर भविष्य के रास्ते भी खोलती है अतः समग्र रूप में सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए।।।।
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शोभा जैन
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भारत सरकार ने अपनी दूरदर्शिता का एक और अविस्मर्णीय परिचय दिया है 500 और 1000 के नोटों पर पाबन्दी लगाने का एतिहासिक फैसला करके काले धन पर लगाम लगाने और जाली नोटों के प्रसार पर पाबंदी लगाने का एक शानदार कदम उठाया है। पड़ोसी मुल्क 500 और 1000 के जाली नोट का इस्तेमाल कर देश की अर्थव्यवस्था पर प्रहार कर रहे थे इन बड़े नोटों को बंद करने से टैक्स से बचने वालों, वित्तीय अपराधियों, आतंकियों के आर्थिक नेटवर्क और भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सकेगी। दरअसल ग्राहक भी खरीद का बिल न लेकर परोक्ष रूप से काले धन को बढ़ावा दे रहे थे। इन पर रोक लगने से देश की अर्थव्यवस्था पारदर्शी होगी, सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी और बाजार में तरलता आएगी चूँकि आम आदमी और हमारा श्रमिक वर्ग कालेधन जैसी समस्या से सीधे तौर पर इत्तेफाक नहीं रखता विशेषकर वो अशिक्षित वर्ग जो रोज रोटी के लिए अथक परिश्रम कर अपनी छोटी सी जीविका साधन पर निर्भर रहते है उन्हें शायद आज ये बात थोड़ी असुविधाजनक प्रतीत हो किन्तु सरकार के इस कदम से भावी रणनीति के तहत सबसे ज्यादा लाभ जब उन्हें मिलेगा तब इस फैसले को ऐसा वर्ग सहजता से स्वीकार पायेगा ये एक ऐसा निर्णय है जिससे आम आदमी की कई आधारभूत समस्याओं का आने वाले समय में बड़ा समाधान निकल कर सामने आयेगा उनमें से एक मंहगाई है जिसकी मार से कोई भी अछूता नहीं । इस बात को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता की सरकार के इस फैसले से कई छोटी -छोटी प्यारी गुल्लकें प्रभावित होंगी किन्तु अक्सर वर्तमान में थोड़ी असुविधा बेहतर भविष्य के रास्ते भी खोलती है अतः समग्र रूप में सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए।।।।
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